हरियाणा

मिट्टी के नमूने लिए नहीं, जारी कर दिए सॉयल हेल्थ कार्ड

सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – देश में कृषि भूमि की गुणवत्ता एवं उपजाऊपन को बनाए रखने व इसमें सुधार करने के लक्ष्य के साथ जारी की गई सरकार की सॉयल हेल्थ कार्ड योजना सफीदों उपमंडल क्षेत्र में मजाक एवं सरकारी बजट के दुरुपयोग की मिसाल बन कर रह गई है। यहां हालत यह है कि अनेक गांवों में किसानों के खेतों से कृषि विभाग के अमले ने मिट्टी के नमूने ही जांच को नहीं जुटाए और हजारों की संख्या में सोयल हेल्थ कार्ड मुद्रित कर किसानों में बांट भी दिए।

इस संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार कई गांवों में कृषि विभाग ने पिछले वर्ष मुनादी तो कराई जिसमे कहा गया कि कोई किसान चाहे तो अपने खेत की मिट्टी की जांच के नमूने दे सकता है लेकिन केवल कुछ किसानों ने ही नमूने कृषि विभाग को सोंपे जबकि योजना के तहत कृषि विभाग के अमले को खुद हर किसान के खेत में जाकर ये नमूने जुटाने थे, वैसे भी इस तरह के परीक्षण को मिट्टी के नमूने लेने का काम तकनीकी है जिसमें एक निर्धारित गहराई तक की, निर्धारित वजन की मिट्टी नमूने के लिए ली जाती है।

Haryana: आर्म्स एक्ट में बरी रजनीश को नौकरी देने का आदेश क्या बदलेगा ये फैसला हजारों की किस्मत!
Haryana: आर्म्स एक्ट में बरी रजनीश को नौकरी देने का आदेश क्या बदलेगा ये फैसला हजारों की किस्मत!

कृषि विभाग द्वारा जारी किए जा रहे सॉयल हेल्थ कार्ड में ज्यादातर किसानों के मोबाइल फोन नंबर या आधार कार्ड नंबर भी गलत हैं। अनेक किसानों का कहना है कि ऐसे हेल्थ कार्ड अर्थहीन हैं क्योंकि इनमें उनके खेतों की मिट्टी की जांच किए बिना ही मिट्टी में कई तरह की उपलब्धता एवं आवश्यकता को दर्शाया गया है और पहली बात तो यह है कि जांच के आंकड़े ही गलत है दूसरी यह कि किसानों को इस दिशा में कोई तकनीकी जानकारी ही नहीं है। इस संदर्भ में स्थानीय उपमंडल कृषि अधिकारी डॉक्टर सत्यवान आर्य का कहना था कि इसकी जानकारी उनके कार्यालय के संबंधित स्टाफ के पास है जो उनसे कई बार संपर्क के बावजूद उपलब्ध नहीं कराई गई।

Haryana News: हांसी की मुल्तान कॉलोनी में 25 वर्षीय विवाहिता ने लगाई फांसी इलाके में फैली सनसनी!
Haryana News: हांसी की मुल्तान कॉलोनी में 25 वर्षीय विवाहिता ने लगाई फांसी इलाके में फैली सनसनी!

Back to top button